आयोग के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल और सदस्य डा. प्रतिभा पांडेय की बेंच ने बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी माना। दो महीने के भीतर मेडिक्लेम की शेष राशि यानी एक लाख सात हजार रुपये नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से अदा करने का आदेश दिया। लगभग दो लाख का हर्जाना भरना होगा।
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