केंद्र सरकार ने रोजगार के आंकड़े एकत्र करने का तरीका बदला है। सरकार की मंशा है कि उसे सटीक आंकड़े मिलें, ताकि नीति बनाने में सही दिशा मिले। सरकार इस बार एक लाख घरों का सर्वे कर रही है। पहली बार मुद्रा योजना के तहत दिए गए लोन की संख्या को भी रोजगार के आंकड़ों में शामिल किया जाएगा। मुद्रा योजना के तहत 13 करोड़ अकाउंट में पैसा डिपॉजिट हुआ है। यानी सरकार मानेगी कि जिसने लोन लिया है, उसने कोई न कोई रोजगार शुरू किया है। श्रम मंत्रालय ने इसकी जिम्मेदारी सांख्यिकी मंत्रालय को दी है।
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