Tuesday, September 17, 2019

भगवान की वाणी पर अगर श्रृद्घा हो तो ज्ञान में परिवर्तित हो जाती हैः दिलीप मुनिजी

खिरकिया। नगर में चातुर्मास के लिए विराजित जैन श्वेताम्बर संत श्री दिलीप मुनिजी मसा ने मंगलवार को व्याख्यान में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रायः संसार में जीव अपनी भूल को स्वीकारने में तैयार नही होता है। अगर जीव अपनी भूल स्वीकार ले तो वह भगवान भी बन सकता है। ये जो जो साधन मेरी इंिन्द्रयो के अधीन है, इनका हमें गोपन करना है। इन इन्द्रियों में

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