Thursday, September 9, 2021

पुरुषार्थ प्रखर हुआ तो सफलता भाग्य की रेखा बनेगी

मंदसौर। अपनी सोच मानसिकता और कार्यशैली को सफलता से जोड़िए। जैसे-जैसे हमारा पुरुषार्थ प्रखर होता जाएगा सफलता भाग्य की रेखा स्वतः बनती जाएगी। मंजिल उन्हीं को मिलती है जो चलता है याद रखिए घड़ी चलती है तो कमरे में होती है नहीं तो कचरे के डब्बे में होती है। यह बात क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीकसागर मसा ने कही।

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