Thursday, September 30, 2021

सत्य साधना की निरंतरता से निर्मल हो जाता है मन

रतलाम। क्रोध, मान, माया, लोभ, वासना में से कोई एक भी विकार जब जागता है तो वह उस व्यक्ति के सिर पर सवार हो जाता है। क्रोध आया तो मान, माया, लोभ सब पीछा करते हुए हल्ला बोलने लग जाते हैं। मानव की आंखों में अंधापन छा जाता है। उस समय भला-बुरा सोचने-समझने लायक मन रह ही नहीं जाता। व्यक्ति के जीवन में विकार रूपी अंधेरा तो रहता है।

from Nai Dunia Hindi News - madhya-pradesh : mhow https://ift.tt/3utIZC0

No comments: