उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। अगर मन में पढ़ने-पढ़ाने की जिद और जज्बा है तो कोई स्थान महत्व नहीं रखता। शिक्षा के महत्व के दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने को उठाए कदमों की ऐसी तस्वीर पिछले पांच वर्षों से हर रविवार को शहर की चार प्रमुख झुग्गी बस्तियों में देखी जा रही है। जहां पढ़ाने वाले ना किसी स्कूल के शिक्षक हैं और ना कोचिंग संचालक।
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