दाऊ श्रीवासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, अंजोरा दुर्ग छत्तीसगढ़ के अंतर्गत संचालित प्रदेश का एक मात्र मात्स्यिकी महाविद्यालय, कवर्धा के द्वारा ग्राम तरेगांव (जंगल) में केन्द्रीय मत्स्य प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा प्रायोजित जैविक खेती में मछली के अपशिष्ट भागों का प्रभावशाली उपयोग के विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ।
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